छाया

Monday, October 24, 2005

अंकुर


सफर में,
क्या धूप,
कैसी छाँव...?

खेल में,
क्या जीत,
कैसी हार...?

नींद में,
क्या भूख,
कैसा गाँव...?

साधु की,
क्या जाति,
कैसा भेष...?

प्रार्थना का,
देश क्या,
क्या काल...?

-राजेश कुमार सिंह
बन्दर लैम्पंग, सुमात्रा
इन्डोनेशिया